अमेरिका में भारतीय पत्रकार ने दूतावास के पास खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमले का आरोप लगाया

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अभी हाल ही में, एक भारतीय पत्रकार ने दावा किया है कि उन्हें खालिस्तानी समर्थकों ने अमेरिका के दुतीया स्थान के पास हमला किया है। क्या घाटना ने भारत में काफी चर्च का विषय बना है और लोगों के बीच इसके बारे में काई तरह के ख्याल व्यक्त हुए हैं।

क्या घाटना से शुरुआत करते हुए, यह खबर है कि भारतीय पत्रकार नारायण लक्ष्मण, जो कि द हिंदू के अमेरिका के प्रतिनिधि हैं, ने खालिस्तानी समर्थकों से हमने का शिकायत किया है। उनको बताया है कि उन्हें अमेरिका के दुतीया स्थान के पास आते समय कुछ लोगों ने उनपर हमला किया और उन्हें धक्का दिया। इसके अलावा, उन्हें छोटे छोटे पत्थर भी मारे गए।

अभी हाल ही में, एक भारतीय पत्रकार ने दावा किया है कि उन्हें खालिस्तानी समर्थकों ने अमेरिका के दुतीया स्थान के पास हमला किया है। क्या घाटना ने भारत में काफी चर्च का विषय बना है और लोगों के बीच इसके बारे में काई तरह के ख्याल व्यक्त हुए हैं।  क्या घाटना से शुरुआत करते हुए, यह खबर है कि भारतीय पत्रकार नारायण लक्ष्मण, जो कि द हिंदू के अमेरिका के प्रतिनिधि हैं, ने खालिस्तानी समर्थकों से हमने का शिकायत किया है। उनको बताया है कि उन्हें अमेरिका के दुतीया स्थान के पास आते समय कुछ लोगों ने उनपर हमला किया और उन्हें धक्का दिया। इसके अलावा, उन्हें छोटे छोटे पत्थर भी मारे गए।  क्या घाटना के बाद, भारतीय सरकार ने इस मामले को गंभीरत से लिया है और इसके जांच की मांग की है। साथ ही, भारतीय राजदूत ने भी इस घटाना को लेकर अमेरिका के विभाग से प्रभाव होने का ऐलन किया है।  यह घाटना खालिस्तानी समर्थकों और भारत के बीच के समय-समय पर बढ़ रही झडपों की एक और मिसाल है। खालिस्तानी समरथकों को इस बात का भी खुलसा किया गया है कि वे विभिन तरह के देशो में खालिस्तानी प्रचार के लिए सहयोग की खोज में जूट हुए हैं और ऐसे हमारे धोखे का प्रतीक हैं।  क्या घाटना से यह भी साफ है कि खालिस्तानी समर्थकोण का ना सिर्फ भारत, बालक अन्य देश के लिए भी खतरा बन सकता है। इस्लीये, इस तरह के आतंक गतिविधियों को रोकने के लिए सहज से कदम उठाने की जरूरत है।  यह घाटना केवल एक पत्रकार पर कि गई हमला नहीं है, बालक इससे भारत के सभी पत्रकारों और देश के सारे नागरीकों पर खतरा बना है। इस्लीये, हमें इस घाटना को दिल से निंदा करनी चाहिए और इस तरह के आतंककी हमलों को रोकने के लिए सारे देश की साजिश, प्रतिभा और मिलजुल कर काम करना चाहिए।  आखिरी में, यह कहना चाहता हूं कि खालिस्तानी समर्थकों जैसे आतंकवादियों को कोई भी देश सहन नहीं कर सकता और इस तरह के हमारे किसी भी समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। इसलिए, हमें एकजुत होकार इस तरह के घाटों से निपतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

क्या घाटना के बाद, भारतीय सरकार ने इस मामले को गंभीरत से लिया है और इसके जांच की मांग की है। साथ ही, भारतीय राजदूत ने भी इस घटाना को लेकर अमेरिका के विभाग से प्रभाव होने का ऐलन किया है।

यह घाटना खालिस्तानी समर्थकों और भारत के बीच के समय-समय पर बढ़ रही झडपों की एक और मिसाल है। खालिस्तानी समरथकों को इस बात का भी खुलसा किया गया है कि वे विभिन तरह के देशो में खालिस्तानी प्रचार के लिए सहयोग की खोज में जूट हुए हैं और ऐसे हमारे धोखे का प्रतीक हैं।

क्या घाटना से यह भी साफ है कि खालिस्तानी समर्थकोण का ना सिर्फ भारत, बालक अन्य देश के लिए भी खतरा बन सकता है। इस्लीये, इस तरह के आतंक गतिविधियों को रोकने के लिए सहज से कदम उठाने की जरूरत है।

यह घाटना केवल एक पत्रकार पर कि गई हमला नहीं है, बालक इससे भारत के सभी पत्रकारों और देश के सारे नागरीकों पर खतरा बना है। इस्लीये, हमें इस घाटना को दिल से निंदा करनी चाहिए और इस तरह के आतंककी हमलों को रोकने के लिए सारे देश की साजिश, प्रतिभा और मिलजुल कर काम करना चाहिए।

आखिरी में, यह कहना चाहता हूं कि खालिस्तानी समर्थकों जैसे आतंकवादियों को कोई भी देश सहन नहीं कर सकता और इस तरह के हमारे किसी भी समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। इसलिए, हमें एकजुत होकार इस तरह के घाटों से निपतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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